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राहुल गांधी-वादों के शहजादे

कुछ कहना है ©
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RAHUL_GANDHI_PRESS_ME_4401eराहुल गांधी नामक व्यक्ति से तो आप भली भांति परिचित ही होंगे। यह एक ऐसा व्यक्ति है जो भारत सरकार के सबसे शक्तिशाली लोगों में दूसरे नम्बर का दर्जा रखता हो। जी हां हम उसी राहुल गांधी की बात कर रहे हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इकलौते बेटे है और उनके प्रशंसकों की माने तो आने वाले 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के सबसे तगड़े दावेदार।
अभी हाल में ही राहुल को कांग्रेस पार्टी का नेशनल वाॅइस प्रेसीडेंट बनाया गया है। पिछले एक दशक में मनमोहन सिंह की नाकामी को देखते हुए यह कह पाना बड़ा ही मुश्किल है कि कांग्रेस 2014 का चुनाव मनमोहन के भरोसे लडे़गी। ऐसे में कांग्रेस राहुल गांधी को पी. एम. पद के लिए प्रोजेक्ट कर रही है। कांगे्रस को उम्मीद है कि शायद वह ही उसकी डूबती नैया को पार लगा दें।
भा. ज. पा. की ओर से पी.एम. पद के सबसे तगड़े उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी का सबसे कड़ा प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है। दोनों के बीच में जमीन आसमान का अंतर है। जहां राहुल राजनीति में पैराशूट से उतारे गए नेता हैं वहीं मोदी एक-एक सीढ़ी चढ़ कर बुलंदियों पर पहुंचने वाले नेता हैं।
पिछले साल यू.पी. के विधान सभा चुनाव में राहुल गांधी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी फिर भी वे यू.पी. में अपनी सरकार बनाना तो दूर सम्मान जनक सीटें भी नहीं दिला पाए। उत्तर प्रदेश की कुल 403 सीटों में कांग्रेस मात्र 28 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। वहीं दूसरी ओर मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अकेले अपनी दम पर लगातार तीसरी बार अपनी सरकार पूर्ण बहुमत से बनाने में कामयाब हो गए। मोदी की पार्टी को गुजरात की कुल 182 में से 116 सीटें प्राप्त हुई।
राहुल गांधी वह इंसान हैं जो देश की भोली भाली और गरीब जनता को अपना निशाना बनाते हैं। उनसे झूठे वादे करते हैं। दलित जनों के घर खाना खाने का स्वांग रचते हैं। अपने विदेशी दोस्तों के सामने देश की भोली भाली जनता का मजाक उड़ाते हैं उसे मूर्ख करार देते हैं। यू.पी.-बिहार की जनता को भिखमंगा बताते हैं। और चुनावों के समय बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन पूरे कभी नहीं करते है।
और आपकी सरकार के अनुसार रू.26/व्यक्ति गांव और रू.32/व्यक्ति शहर में कमाने वाला गरीब नहीं हो सकता। यानि कि जिंदा रहने के लिए इतने रूपए काफी हैं। फाइव स्टार होटलों में खाने वाले और महलनुमा बड़े-बडे़ बंगलों में रहने वाले और बड़ी-बड़ी कारों में चलने वाले लागों का इतना छोटा दिल देखकर वाकई शर्म आती है। अरे भाई राहुल साहब सिर्फ गरीब दलितों के घर खाना खाने से आप गरीबों का दर्द नहीं समझोगे अगर वास्तव में आपको गरीबी की परिभाषा समझनी है तो 32 रूपए में गुजारा कर के दिखाइए।
और एक बार फिर जब लोक सभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं राहुल के वादों की लिस्ट में इज़ाफा हो रहा है। राहुल कह रहे हैं कि अगर उन्हे अगली बार मौका मिला तो फलां-फलां कार्य वह अगली सरकार में पूरा करेंगे। अरे भई अगली सरकार का इंतजार क्यों है पिछले 10 वर्षों से आप ही की पार्टी सरकार चला रही है। और आपके प्रधानमंत्री की क्या मजाल जो वह आप की बात काटंे क्यों कि आप तो ठहरे पार्टी के युवराज। फिर अभी तक आपने जनता के लिए कुछ नहीं सोचा खैर अभी भी आम चुनावों में लगभग एक साल का समय है फिर अभी ही कुछ साबित कर के दिखा दीजिए।
वैसे जनता का मिजाज देखकर यह साफ है कि वह आपकी पार्टी को दोबारा मौका तो दूर आॅप्शन तक के लिए मुनासिब नहीं समझेगी। अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि राहुल के वादों की खिवैया कांग्रेस की नैया पार लगा पाती है कि नहीं।

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